मैं BHU से बोल रहा हूं. Siddhant Mohan
यहां BHU के अंदर महिला महाविद्यालय है. रात बारह के करीब पुलिस ने जिलाधिकारी की मौजूदगी में बीएचयू के मेन गेट पर बैठे छात्रों और छात्राओं पर लाठीचार्ज कर दिया.
लड़के भागे अंदर. तो पुलिस ने भी दौड़ा लिया अंदर तक. लड़कियां भागीं महिला महाविद्यालय के अंदर तो कुछ लोगों ने महिला महाविद्यालय का दरवाजा भी तोड़ दिया. अब पुलिस महिला महाविद्यालय के अंदर भी घुस गयी. लड़कियों को दौड़ाकर पीटा. भागने में जो लड़कियां गिर गयीं, पुलिस ने उनके ऊपर चढ़कर पिटाई की.
पुलिस ने लड़कियों को जहां देखा, वहां पीटा. रोचक बात ये जानिए कि महिला पुलिसकर्मी एक भी नहीं. लड़कियां मुझे फोन कर-करके रोते हुए बदहवासी में जानकारियां दे रही हैं. एक लड़की बोलती हैं, “हमें इस खबर को किसी तरह बाहर पहुंचाना है.”
अब थोड़ा और अंदर चलें तो पुलिस बिड़ला हॉस्टल के अंदर घुस गयी है. बिड़ला चौराहे पर लड़कों पर आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियां चलायी जा रही हैं. लड़के उधर से पत्थर चलाकर आंदोलन को दूसरी दिशा में मोड़ चुके हैं.
ऐसा दो टके का कुलपति नहीं देखा, जो मिलने का वादा करके मिलता नहीं है, और सीसीटीवी लगवाने की मांग करती लड़कियों पर लाठी चलवा देता है.
गौरतलब है कि बनारस हिन्दु विश्वविद्यालय की कुछ छात्राओं के साथ छेड़खानी की घटना के बाद भी प्रशासन ने जब कोई कार्रवाई नहीं की तो वहां की छात्राओं ने सड़क पर उतरने की ठानी। पिछले दो दिन से आन्दोलन को तोड़ने की तमाम कोशिशों के बावजुद छात्राएं डटी हुई हैं। उनके हॉस्टलों पर ताले लगा दिये गये हैं, चारों तरफ पुलिस, आरएएफ बिठा दी गयी है पर फिर भी उनके हौंसले बुलंद हैं। इसी दौरान बीएचयू में मोदी का भी दौरा था।
छात्रों का कहना है कि ऐसा दो टके का कुलपति नहीं देखा, जो मिलने का वादा करके मिलता नहीं है, और सीसीटीवी लगवाने की मांग करती लड़कियों पर लाठी चलवा देता है.